एक सुबह होगी !जब भीड़ दवाखानों पर नहीचाय की दुकानों पर होगी..!
“उनसे कहना की क़िस्मत पे ईतना नाज ना करे ,
हमने बारिश मैं भी जलते हुए मकान देखें हैं…… !!
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए|
जो लोग दूसरों का भला सोचते हैं
केवल उन्हीं का जीवन सफल है,
अपने लिए तो जानवर भी जीते हैं
मुझे नहीं पता ऊपर वाले ने
तकदीर में क्या लिखा है,
जब मुस्कुराते है मेरे पापा मुझे देख कर
समझ जाता हूँ कि मेरी तकदीर बुलंद है।