एक तरफ ढल रहा दिन,एक तरफ अंधेरा आ रहा है,बस याद है कि अब,ना आ रहा है, ना जा रहा है l
वह अपने करम उँगलियों पर गिनते हैं,
पर ज़ुल्म का क्या जिनके कुछ हिसाब नहीं
हम दूर तक यूँ ही नहीं पहुंचे ग़ालिब ,
कुछ लोग कन्धा देने आ गए थे...
जादू हैं उसकी हर एक बात में,
याद बहुत आती है दिन और रात में,
कल जब देखा था मेने सपना रात में,
तब भी उसका ही हाथ था मेरे हाथ में
मैं आप के बारे में सोच रहा था,
और मुझे आश्चर्य हुआ कि आप
कितनी देर तक मेरे ज़हन में थे
तब मुझे एहसास हुआ: जबसे आप
मुझे मिले, आपने कभी मेरा साथ नहीं छोड़ा!!
एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद..दूसरा सपना देखने के हौसले को 'ज़िंदगी' कहते हैं..