चलो फ़िर से हौले से मुस्कुराते हैं,बिना माचिस के ही लोगों को जलाते हैं।
Tum Laut k anay ka takalluf mat
Karna,
Hum Ek mohabbat ko Do baar Nahi kartay…
मैंने कहा की बहुत प्यार आता है तुम पर,
वो मुस्कुरा की बोले और तुम्हे आता ही क्या है......
चलो अच्छा हुआ काम आ गयी दीवानगी अपनी,
वरना हम ज़माने भर को अपनी मोहब्बत समझाने कहाँ जाते?
आँखों में मंज़िलें थी
गिरे और सँभालते रहे..
आँधियों में क्या दम था
चिराग हवा में भी जलते रहे…