सोचते -सोचते गुजरा,मीलों का सफ़र lकब लगी आँखना थी नींद को भी खबर lजागते-जागते यूँ ही,रात गुजर जाती है l
शुभ रात्रि
वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे , जैसे कोई गम छुपा रहे थे !!
बारिश में भीग के आये थे मिलने , शायद वो आंसु छुपा रहे थे !
चलो फ़िर से हौले से मुस्कुराते हैं,बिना माचिस के ही लोगों को जलाते हैं।
सुनहरे सपनों की झंकार लाया है नववर्ष,
खुशियों के अनमोल उपहार लाया है नववर्ष,
आपकी राहों में फूलों को बिखराकर लाया है नववर्ष,
महकी हुई बहारों की खुशबू लाया है नववर्ष!
Happy New Year 2021
तू मुहब्बत है मेरी इसलिए दूर है मुझसे
अगर जिद होती तो अब तक बाँहों में होती