Good Morning Shayari
ज़ुल्म इतना ना कर के लोग कहे तुझे दुश्मन मेरा…!!
हमने ज़माने को तुझे अपनी “ जान ” बता रक्खा है…!!
मेरे दोस्तों ने इकट्ठा किया मेरे ही कत्ल का सामान,
मैंने उनसे कहा,
यारो तुम्हारी नफरत ही काफी थी मुझे मारने के लिए……
ḳhud apne aap se lenā thā intiqām mujhemaiñ apne haath ke patthar se sañgsār huā
पहली मुलाकात में ये ऐसा हुआ अहसास,
उनके मुहब्बत के दो शब्द थे बहुत खास.
आखिरी मुलाकात में कुछ कहना ही था उनसे,
हम सोचते ही रह गए की गुजर गया साल.
HAPPY NEW YEAR 2021