इकरार करने में शब्दों का होना लाज्मी नहीं
दिल के जज्बात ही काफी हैं
आंखें बयान कर देती हैं दिल की दास्तान,
मोहब्बत लफ्जों की मोहताज़ नही होती
घुटन क्या चीज़ है, ये पूछिये उस बच्चे से
जो काम करता हैं ,इक खिलोने की दुकान पर...
Itna Betaab Na Ho, Mujhse Bichaadne Ke Liye ,
Zaraa Thair Ja.
Tujhe Sirf Ankho Se Hi Nahi Dil se Bhi Juda Karna Hai…
अगर तुमसे कोई पूछे बताओ ज़िन्दगी क्या है,हथेली पर जरा सी राख़ रखना और उड़ा देना।
Main Chahta Hun Aik Aasiyana HoJo Wabasta Sirf Tum Se Ho