बलबुध्धि विद्या देहू मोहि
सुनहु सरस्वती मातु
राम सागर अधम को
आश्रय तूही देदातु!!
माँ ने कहा था कभी किसीका दिल मत तोडना,,इसलिए हमने दिल को छोड के बाक़ी सब तोड़ा !!
अमर वही इंसान होते हैं
जो दुनियां को कुछ देकर जाते हैं
एक रोस उनके लिएजो मिलते नही रोज़-रोज़,मगर याद आते है हर रोज़ |