वर्षों से दहलीज़ पर कड़ी वो मुस्कान है,
जो हमारे कानो में धीरे से कहती है,
“सब अच्छा होगा”
अहंकार” और “संस्कार” में फ़र्क़ है…
“अहंकार” दूसरों को झुकाकर कर खुश होता है,
“संस्कार” स्वयं झुककर खुश होता है..!
छोटी-छोटी बातें दिल में रखने से,
बड़े-बड़े रिश्ते कमज़ोर हो जाते हैं,
बड़ी सोच बड़ा दिल, ज़िन्दगी की हर सुबह खुशहाल बनाते हैं।
पाप एक प्रकार का अँधेरा है,
जो ज्ञान का प्रकाश होते ही मिट जाता है