चाय☕ सर दर्द का...
"राष्ट्रीय इलाज" हैं.
हमारे माँ – बाप हमको बचपन में शहजादों की तरह पालते हैं..लिहाज़ा…
हमारा ये फ़र्ज़ बनता है,,उनके बुढ़ापे में उनको बादशाहों की तरह रखें!
साला क्या समय चल रहा है
खाते हैं तो पचता नहीं
कमाते हैं तो बचता नहीं
ऐसा लगता है कि बटुए में नाथूराम गोडसे बैठा हैं
जो गांधी जी को रहने ही नहीं देता है
😜😜😜😝😝
संता – यार मैं घरवालों से बड़ा परेशान हूँ
बंता -क्यों ?
संता – अरे उनको घड़ी में टाइम तक देखना नहीं आता
बंता – मतलब ?
संता – सुबह- सुबह मुझे जबरदस्ती उठा देते हैं
और बोलते हैं –
“उठ जा, देख कितना टाइम हो गया”
टीचर :- 'एक पन्त, दुई काज'
मुहावरे को वाक्य में प्रयोग करो..?
विद्यार्थी:-मुन्शी दास मूतन गए..।
मूतन लग गई पाद..।।
पादत-पादत.. हग दियो..।
एक पन्त, दुई काज..।।.
😄😄😄😄😄😄😄