सुबह है नयी.. नया है सवेरा,
सूरज की किरण और हवाओं का बसेरा,
खुले आसमान मे “सूरज” का चेहरा,
मुबारक हो आपको ये हसीन सवेरा..!!
पता है तुम्हारी और हमारी
मुस्कान में फ़र्क क्या है?
तुम खुश हो कर मुस्कुराते हो,
हम तुम्हे खुश देख के मुस्कुराते हैं…
कभी शोख हैं,
कभी गुम सी है..
ये बारिशे भी तुम सी है..
शायरी सर्दी की ठिठुरती रात में फुटपाथ पर अरमान है
दिलबर मुझे छोड़के किसी और पे मेहरबान है.....
चारो तरफ हो खुशियाँ ही खुशियाँ,
मीठी पूरनपोली और गुजियां ही गुजियां
द्वारे सजती सुंदर रंगोली की सौगात
आसमान में हर तरफ पतंगों की बरात
सभी का शुभ हो नव वर्ष हर बार