उसे गजब का शौंक है हरियाली का,
रोज आकर मेरे जख्मों को हरा कर जाता है.
अपनी रातें उनके लिए ख़राब करना छोड़ दो दोस्तों,जिनको ये भी परवाह नहीं की तुम सुबह उठोगे भी या नहीं।
दोस्त बनकर भी वो नहीं साथ निभानेवाला,
वही अंदाज़ है उस ज़ालिम का ज़माने वाला।
Naa Jane Q..!Magar is Jhoothi Dunya K Jhootay Log,
Wafain Kar Nhi Saktay Waday Hazaar Kartay Hain…
शायरी सर्दी की ठिठुरती रात में फुटपाथ पर अरमान है
दिलबर मुझे छोड़के किसी और पे मेहरबान है.....