“बड़ी बड़ी बातें करने वाले बातों में ही रह जाते है
और हलके से मुस्कुराने वाले बहुत कुछ कह जाते है.”
घमंड ही नहीं गुरुर है अपने किसान होने का।
बढ़ रही हैं कीमते अनाज की,
पर हो न सकी विदा बेटी किसान की
दुनिया में सब चीज मिल जाती है,….
केवल अपनी गलती नहीं मिलती…..
बलबुध्धि विद्या देहू मोहि
सुनहु सरस्वती मातु
राम सागर अधम को
आश्रय तूही देदातु!!
एक दुआ मंगाते हैं हम अपने भगवान् से,
चाहते हैं आपकी ख़ुशी पुरे ईमान से,
सब हसरतें पूरी हो आपकी,
और आप मुस्कुराएँ दिलों जान से।