अकाल मत्यु वो मरे,
जो काम करे चण्डाल का,
काल उसका क्या बिगाड़े,
जो भक्त हो महाकाल का…हर हर महादेव
शिव की ज्योति से नूर मिलता है
सबके दिलो को सुरूर मिलता हैं
जो भी जाता है भोले के द्वार
कुछ न कुछ ज़रूर मिलता हैं
अच्छाई और बुराई दोनों हमारे अंदर हैं
जिसका अधिक प्रयोग करोगे वो उभरती व निखरती जायगी
“लोग क्या कहेंगे”- ये बात इंसान को आगे नहीं बढ़ने देती
भय से तब तक ही डरना चाहिये जब तक भय (पास) न आया हो। आये हुए भय को देखकर बिना शंका के उस पर् प्रहार् करना चाहिये।