काल भी तुम और महाकाल भी तुम
लोक भी तुम और त्रिलोक भी तुम
शिव भी तुम और सत्यम भी तुम,
महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं।
HAPPY SHIVRATRI
अच्छाई और बुराई दोनों हमारे अंदर हैं
जिसका अधिक प्रयोग करोगे वो उभरती व निखरती जायगी
भय से तब तक ही डरना चाहिये जब तक भय (पास) न आया हो। आये हुए भय को देखकर बिना शंका के उस पर् प्रहार् करना चाहिये।
स्वास्थ ही असली सोना हैं,जो स्वस्थ नहीं उसे जीवन भर रोना हैं.
स्वास्थ ही असली सोना हैं,
जो स्वस्थ नहीं उसे जीवन भर रोना हैं.
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए|