सोचता था की वो कितने मासूम थे
क्या से क्या हो गए देखते देखते
महाकंजूस सेठ अपने बच्चों से बोला,
कंजूस – जो आज शाम खाना नहीं खायेगा
उसे मैं 10 रुपये दूंगा
तीनों बेटे 10-10 रुपये लेकर बिना खाना खाये सो गए
कंजूस सुबह बोला –
अब जो 10 रुपये देगा
केवल उसी को नाश्ता मिलेगा
बच्चे परेशान
ये बाप है या नरेंद्र मोदी
अगर आपकी राह में छोटे छोटे पत्थर आये तो समझ लेना।।।
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।।।रोड का काम चल रहा हे।।।
��भंवरलाल ठेकेदार��
😄😄😄😄😄😄😄😄😄
Arj kiya hai
जिस ने ज़ल्द बाज़ी में शादी की
उसने अपना जीवन बिगाड़ लिया।।
वाह! वाह!
और जिसने सोच समझ कर की
उसने कौन सा तीर मार लिया।।
😝😝😝😝🤣🤣
ये वक्त की नजाकत हैबदलते दौर की मजबूरी है।लड़के को पराठेऔरलड़की को कराटेसिखाना बहुत जरूरी है।आत्म -निर्भर बनो.