चाय के कप से उठाते धुंए में तेरी सूरत नज़र आती हैं..
Main uske haathon ka khilona hi sahi;
kuch der ke liye hi sahi, usne mujhe chaha to hai..
Itna Betaab Na Ho, Mujhse Bichaadne Ke Liye ,
Zaraa Thair Ja.
Tujhe Sirf Ankho Se Hi Nahi Dil se Bhi Juda Karna Hai…
आदत है या तलबइश्क है या चाहततू दिल मे है या साँसों मेतू दीवानगी है या मेरी आशिकीतू ज़िन्दगी है या फिर एक किस्सापर जो भी है सिर्फ तू है
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह,
कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे,
मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह,
कि होश भी आने की इजाज़त मांगे।