Rango ki varsha Gulaal ki fuhar
Suraj ki kirane, khushiyon ki bauchar
chandan ki Khushboo apano ka pyaar
Mubark ho Aapko Holi ka tyohar
वसंत ऋतु की बहार,
चली पिचकारी उड़ा है गुलाल,
रंग बरसे नीले हरे लाल,
मुबारक हो आपको होली का त्यौहार
उसने मोहब्बत, मोहब्बत से ज़्यादा की थी,
हमने मोहब्बत उस से भी ज़्यादा की थी,
वो किसे कहेंगे मोहब्बत की इन्तहा,
हमने शुरुआत ही इन्तहा से ज़्यादा की थी.
हमारी हर रात तम्हारे साथ हो,
ओर प्यार मोहब्बत की बात हो,
हम लेले तुम को बाँहों में अपनी,
फिर बताये तुम ही ज़िन्दगी तुम ही हमारी कैनाथ हो,
गुड नाईट डिअर…
“आँखों से दूर दिल के करीब था,
में उस का वो मेरा नसीब था.
न कभी मिला न जुदा हुआ,
रिश्ता हम दोनों का कितना अजीब था.”