ज़िंदगी खेल हैं शतरंज का,
तुम्हें कब, कौन और कहाँ मात दे दे क्या पता !
क्रोध हवा का वह झोंका है
जो बुद्धि के दीपक को बुझा देता है
रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हो उन्हें
तोड़ना मत क्योंकि पानी चाहे
कतना भी गंदा हो अगर
प्यास नहीं बुझा सकता
पर आग तो बुझा सकता है
इंसान हर घर में जन्म लेता है
लेकिन इंसानियत कहीं कहीं ही जन्म लेती है
यदि आप डर पर विजय पाना चाहते हैं तो घर बैठे उसके बारे में सोचिये मत. बाहर निकालिए और अपने काम मे व्यस्त हो जाइये।
हाथ में घडी कोई भी हो, लेकिन वक़्त अपना होना चाहिए