दोस्त की ख़ामोशी को मैं समझ नहीं पाया,चेहरे पर मुस्कान रखी और अकेले में आंसू बहाया।
Tu saath hokar bhi saath nahi hoti
Ab toh rahat mein bhi rahat nahi hoti…
Aa Bichadne Ka Koi Aur Tareeqa DhoodhenPyyar Badhta Hai Meri Jaaan Khafa Rahne Se
हर रात को तुम इतना
याद आते हो के हम भूल गए हैं,
के ये रातें ख्वाबों के लिए होती हैं,
या तुम्हारी यादों के लिए|
शाम भी खास है, वक़्त भी खास है,
तुझको भी एहसास है, तो मुझको भी एहसास है,
इससे जयादा मुझे और क्या चाहिए,
जब मैं तेरे पास, और तु मेरे पास है