ज़िस्म के ज़ख्म हो तो मरहम भी लगाएं,
रूह के नासुरों का हकीम मिलता नहीं हमें!
खुद नहीं जानते कितनी प्यारे हो आप,
जान हो हमारी पर जान से प्यारे हो आप,
दूरियों के होने से कोई फर्क नही पड़ता,
कल भी हमारे थे और आज भी हमारे हो आप।
चाँद तारो से रात जगमगाने लगी,
फूलों की खुश्बू से दुनिया महकने लगी,
सो जाइये रात हो गयी है काफ़ी,
निंदिया रानी भी आपको देखने है आने लगी
बद-नसीबी का मैं कायल तो नहीं हूँ,लेकिन मैंने बरसात में जलते हुए घर देखे है..
दूसरों की मानोगे तो मुझे
बुरा ही पाओगे, लेकिन
खुद मिलोगे तो वादा रहा,
मुस्कुरा कर जाओगे...!!