समय रहते तुम होश में कैफ़ियत तलब करते तो अच्छा होताअलविदा कहने से पहले ख़ैरियत सोचते तो अच्छा होता.
समय रहते तुम होश में कैफ़ियत तलब करते तो अच्छा होता
अलविदा कहने से पहले ख़ैरियत सोचते तो अच्छा होता.
हाथो की लकीरों पे मत जा ए ग़ालिब,नसीब उनके भी होते हैं जिनके हाथ नहीं होते|
होता है होश तो तुम नही रहतेहोते हो तुम तो होश नही रहता !!
होता है होश तो तुम नही रहते
होते हो तुम तो होश नही रहता !!
चंदन की लकड़ी फूलों का हार,अगस्त का महीना सावन की फुहार,भैया की कलाई बहन का प्यार,मुबारक हो आपको रक्षा-बंधनका त्यौहार।
न जाने क्या है किसी की उदास आँखों मैंवो मुंह छुपा के भी जाए तो बेवफ़ा न लगे
न जाने क्या है किसी की उदास आँखों मैं
वो मुंह छुपा के भी जाए तो बेवफ़ा न लगे