समय रहते तुम होश में कैफ़ियत तलब करते तो अच्छा होताअलविदा कहने से पहले ख़ैरियत सोचते तो अच्छा होता.
समय रहते तुम होश में कैफ़ियत तलब करते तो अच्छा होता
अलविदा कहने से पहले ख़ैरियत सोचते तो अच्छा होता.
रोज़ ये दिल बेकरार होता है,काश के तुम समझ सकते कीचुप रहने वालो को भी किसी से प्यार होता है...
न जाने क्या है किसी की उदास आँखों मैंवो मुंह छुपा के भी जाए तो बेवफ़ा न लगे
न जाने क्या है किसी की उदास आँखों मैं
वो मुंह छुपा के भी जाए तो बेवफ़ा न लगे
आप दोनों की जोड़ी कभी न टूटे,आप एक दूसरे
से कभी न रूठें, आप दोनों की खुशियाँ,एक पल के
लिए भी न छूटे,शुभ करवा चौथ.
इश्क का होना भी लाजमी है शायरी के लिये..कलम लिखती तो दफ्तर का बाबू भी ग़ालिब होता।