जुल्फों में उसकी बीती मेरी सुबह
जुल्फों में ही उसकी मेरी शाम थी
और क्या बताऊ जिंदगी के बारे में
मेरी तो सारी उम्र बस उस ही के नाम थी…
चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें,अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे देंइससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपनेधड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें !
“इन हसीनो से तो कफ़न अच्छा है,
जो मरते दम तक साथ जाता है,
ये तो जिंदा लोगो से मुह मोड़ लेती हैं,
कफ़न तो मुर्दों से भी लिपट जाता है.”
रब करे आप को नया साल रास आ जाए,जिसे आप चाहते हो वो आपके पास आ जाए,इस साल कुंवारे ना रहे आप,आप का रिश्ता लेकर आपकी सास आ जाए!!
कुछ अल्फ़ाज़ की तरतीब से बनती है शायरी
कुछ चेहरे भी मुकम्मल ग़ज़ल हुआ करते हैं