दास्तान सुनाओ और मजाक बनजाऊं बेहतर तो यह है कि थोड़ा सामुस्कुराओ और खामोश हो जाऊं..
जाऊं बेहतर तो यह है कि थोड़ा सा
मुस्कुराओ और खामोश हो जाऊं..
मेरे दर्द को भी आह का हक़ हैं,
जैसे तेरे हुस्न को निगाह का हक़ है
मुझे भी एक दिल दिया है भगवान ने
मुझ नादान को भी एक गुनाह का हक़ हैं
मुश्किलें दिलो के इरादे आज़माएगी
ख्वाबो के परदे निगाहो से हटाएगी
गिरकर तुझे है समभलना
यह ठोकरें ही तुझे चलना सिखाएगी…
कमाल की निशानेबाज हो तुम
तिरछी नजर से भी सीधा दिल पे वार करती हो
मेरे अश्को से तू अपना दामन साफ कर ,
अकेले तड़पता हूँ ऐ खुदा इन्साफ कर ,
उनकी बेवफाई में कुछ राज छुपा है ,
मेरे खुदा तू उनके हर गुनाह माफ़ कर .