मेरी मंज़िल मेरे करीब है इसका मुझे एहसास हैगुमान नहीं मुझे इरदों पे अपनेये मेरी सोच अौर हौंसलों का भी विश्वास है
मेरी मंज़िल मेरे करीब है इसका मुझे एहसास है
गुमान नहीं मुझे इरदों पे अपने
ये मेरी सोच अौर हौंसलों का भी विश्वास है
तैरना तो आता था हमें मुहब्बत के समंदर में
लेकिन जब उसने हाथ ही ना पकड़ा तो डूब जाना ही अच्छा था
तेरी आवाज़ सुनने को तरसे है मन मेरा,
तेरी एक झलक पाने को बेकरार है मन मेरा,
अपनी ज़िंदगी का हर लम्हा तेरे साथ गुजारु,
हर पल बस यही चाहता है मन मेरा!!
रिमझिम तो है मगर सावन गायब है,बच्चे तो हैं मगर बचपन गायब है..!!क्या हो गयी है तासीर ज़माने की यारोंअपने तो हैं मगर अपनापन गायब है !
Palak jhuka kar salam karte hai,
Dil ki dua apke nam karte hai,
Kabul ho agar to muskura dena,
Hum yeh pyara sa din apke naam karte hai.