दौलत भी तू ले आयाशोहरत भी ले आयाथा तू ऐसा दिलकशतू अपने हसीन दिलको क्यों छोड़ आया
दौलत भी तू ले आया
शोहरत भी ले आया
था तू ऐसा दिलकश
तू अपने हसीन दिल
को क्यों छोड़ आया
बड़े प्यार से तराशा था उस संगेमरमर कोबड़ा नाज़ था उसे अपने आप पर.एक दरार क्या पड़ीकिसीने मुड़ कर देखना तक गंवारा न समझा.
कुछ यूँ उतर गए हो मेरी रग-रग में तुम,
कि खुद से पहले एहसास तुम्हारा होता है।
तरस जाओगे हमारे मुँह से सुनने को एक लव्ज़
प्यार की बात क्या, हम शिकायत भी ना करेंगे…
किसी की मजबूरी का….मजाक ना बनाओ यारों..!!
ज़िन्दगी कभी मौका देती है तो कभी धोखा भी देती है..!!