कुछ उसे भी दूरियाँ पसंद थीं ,
और कुछ मैंने भी वक़्त मांगना छोड़ दिया !
तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा था
खबर तो रहती….सफर तय कितना करना है
वक़्त को भी हुआ है ज़रूर किसी से इश्क़,जो वो बेचैन है इतना कि ठहरता ही नहीं।
कहा ये किसने कि फूलों से दिल लगाऊं मैं,
अगर तेरा ख्याल ना सोचूं तो मर जाऊं मैं,
माँग ना मुझसे तू हिसाब मेरी मोहब्बत का,
आ जाऊं इम्तिहान पर तो हद्द से गुज़र जाऊं मैं।
किसी ने मुझे कहा की तुम हर रोज,
सुबह सुप्रभात करके सबको याद करते हो,
तो क्या वो भी तुम्हे याद करते है मेंने कहा,
मुझे रिश्ता निभाना है मुकाबला नहीं करना!
Good Morning