वो चाय ही क्या जो जीभ ना जलाएंऔर वो इश्क ही क्या जो दिल ना जलाएं।
वो चाय ही क्या जो जीभ ना जलाएं
और वो इश्क ही क्या जो दिल ना जलाएं।
Magar
rani sirf badsah ki hi hoti haii..
Vo samjhta hai ki har shakhs badal jata hai…..
Ussey lagta hai zamana us ke jaisa hai….
कई बार ली है तुमने तलाशियाँ मेरे दिल की
बताओ कभी कुछ और मिला है तुम्हारे सिवा!!
बोलो है कोई वकील ऐसा इस जहान में
जो हारा हुआ इश्क जीता सके मुझको