चिरागों को आंखों में महफूज रखना,बड़ी दूर तक रात ही रात होगी,मुसाफिर हो तुम भी, मुसाफिर हैं हम भी,किसी मोड़ पर, फिर मुलाकात होगी।
चिरागों को आंखों में महफूज रखना,
बड़ी दूर तक रात ही रात होगी,
मुसाफिर हो तुम भी, मुसाफिर हैं हम भी,
किसी मोड़ पर, फिर मुलाकात होगी।
Labo se tut gaye guftagu ke sab rishte
wo dekhta hei to bas dekhta hi rahta hei..
हर कोई प्यार के लिए तड़पता है
हर कोई प्यार के लिए रोता है
मेरे प्यार को गलत मत समझना
प्यार तो दोस्ती में भी होता है
हमसे ना कट सकेगा अंधेरो का ये सफर
अब शाम हो रही हे मेरा हाथ थाम लो।
अगर तू Attitude दिखाएगा ना
तो मैं भी भाव नहीं दूँगी,
और अगर चान्स मारेगा ना तो
मैं ध्यान नहीं दूँगी!!