तुझे देखे बिना तेरी तस्वीर बना सकता हूँतुझसे मिले बिना तेरा हाल बता सकता हूँहै मेरी दोस्ती में इतना दम तेरी आँख काआँसू आपनी आँख से गिरा सकता हूँ !
तुझे देखे बिना तेरी तस्वीर बना सकता हूँ
तुझसे मिले बिना तेरा हाल बता सकता हूँ
है मेरी दोस्ती में इतना दम तेरी आँख का
आँसू आपनी आँख से गिरा सकता हूँ !
पुराने शहरों के मंज़र निकलने लगते हैंज़मीं जहाँ भी खुले घर निकलने लगते हैं
मैं खोलता हूँ सदफ़ मोतियों के चक्कर मेंमगर यहाँ भी समन्दर निकलने लगते हैं
तालीम नहीं दी जाती
परिंदो को उड़ानों की……..
वह तो खुद ही समझ
जाते हैं उच्चै आसमानो की…
समझदार बनने की कोशिश में शरारत
भी खो बैठे
अब इस समझदारी में सबको साजिश नजर
आती है…
खूबसूरती से धोका न खाइये जनाब…
तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो…
मांगती तो खून ही हे…