माना आपको प्यार की कदर नहीं थी मगर दिल तो रख लिया होताइतनी जल्दी भूल गए उस प्यार को अरे थोड़ा सब्र तो कर लिया होता।
माना आपको प्यार की कदर नहीं थी मगर
दिल तो रख लिया होता
इतनी जल्दी भूल गए उस प्यार को अरे
थोड़ा सब्र तो कर लिया होता।
ये लम्हा मेरी मोहब्बत से भरा है ,
ये समां मेरी मोहब्बत से भरा है ,
इस गुलाब को सिर्फ गुलाब मत समझना,
और से देखना ये गुलाब मेरी मोहब्बत से भरा है.
अपने साये से भी अश्कों को छुपा कर रोना
जब भी रोना तो चिरागों को बुझा कर रोना
जहाँ चोट खाना वहां मुस्कुराना
मगर इस अदा से के रोये सारा ज़माना
दोस्त बनकर भी वो नहीं साथ निभानेवाला,
वही अंदाज़ है उस ज़ालिम का ज़माने वाला।
जिन फूलों को संवारा था
हमने अपनी मोहब्बत से,
हुए खुशबू के काबिल तो
बस गैरों के लिए महके।