माना नाराजगी की हद सिर्फ इतनी है की आप थोड़े दिनों तक हमसे बात नहीं करोगे मगर ....... इन हदों को तोड़ आपने तो हमे भुला ही दिया।
माना नाराजगी की हद सिर्फ इतनी है की
आप थोड़े दिनों तक हमसे बात नहीं करोगे
मगर .......
इन हदों को तोड़ आपने तो हमे भुला ही दिया।
Hum toh fanaah ho gaye uski ankhen dekh kar Ghalib,Na jane woh Aaina kaise dekhte honge.
उसके इकरार का इंतजार है मुझे
जाने क्यूँ उससे इतना प्यार है मुझे
ऐ खुदा कब आएगा वो हसीन पल
जब वो खुद कहेगी जान तुमसे प्यार है मुझे
एक आस, एक एहसास, मेरी सोच और बस तुम,एक सवाल, एक मजाल, तुम्हारा ख़याल और बस तुम,एक बात, एक शाम, तुम्हारा साथ और बस तुम,एक दुआ, एक फ़रियाद, तुम्हारी याद और बस तुम,मेरा जूनून, मेरा सुकून बस तुम और बस तुम
“जीत की ख़ातिर बस जूनून चाहिए,
जिसमे उबाल हो ऐसां खून चाहिए,
ये आसमा भी आएगा जमी पर ,
बस इरादों में जीत की गूँज चाहिए……..!!!.