निगाहें फेर वो जो मुझसे दूर बैठे हैं,उनको पता भी नही हम बेकसूर बैठे हैं.!!
निगाहें फेर वो जो मुझसे दूर बैठे हैं,
उनको पता भी नही हम बेकसूर बैठे हैं.!!
रोज तारीख बदलती है,
रोज दिन बदलते हैं…
रोज अपनी उमर भी बदलती है…
रोज समय भी बदलता है…
हमारे नजरिये भी वक्त के साथ बदलते हैं…
बस एक ही चीज है जो नहीं बदलती…
और वो हैं हम खुद और बस ईसी वजह से
हमें लगता है कि अब जमाना बदल गया है!!
नाज़ुकी उसके लब की क्या कहिये,
पंखुड़ी इक गुलाब की सी है
Ye mout bi badi ajeeb chiz hei yaro…
Sala Ek Din Marne ke liye Puri Zindgi Jini padTi hey…
लगता है मेरा खुदा मेहरबान है मुझ पर …
मेरी दुनिया में तेरी मौजूदगी यूँ ही तो नहीं है …