निगाहें फेर वो जो मुझसे दूर बैठे हैं,उनको पता भी नही हम बेकसूर बैठे हैं.!!
निगाहें फेर वो जो मुझसे दूर बैठे हैं,
उनको पता भी नही हम बेकसूर बैठे हैं.!!
उसने पूछा सबसे ज्यादा क्या पसंद है तुम्हे
मैं बहुत देर तक देखता रहा उसे
बस ये सोचकर कि
खुद जवाब होकर उसने सवाल क्यूँ किया…!!
“शाम खाली है जाम खाली है,ज़िन्दगी यूँ गुज़रने वाली है,
सब लूट लिया तुमने जानेजाँ मेरा,मैने तन्हाई मगर बचा ली है”
भरोसा क्या करना गैरों पर,जब गिरना और चलना है अपने ही पैरों पर।
“इन हसीनो से तो कफ़न अच्छा है,
जो मरते दम तक साथ जाता है,
ये तो जिंदा लोगो से मुह मोड़ लेती हैं,
कफ़न तो मुर्दों से भी लिपट जाता है.”