आओ आगोश में कि ,इश्क का अंजाम हो जाएँ,थोड़ा बुझें थोड़ा जलें ,आज की शाम हो जाए।
आओ आगोश में कि ,इश्क का अंजाम हो जाएँ,
थोड़ा बुझें थोड़ा जलें ,आज की शाम हो जाए।
आँखो से आँखे मिलाकर तो देखो,
एक बार हमारे पास आकर तो देखो,
मिलना चाहेंगे सब लोग तुमसे,
एक बार मेरे दोस्त साबुन से नहाकर तो देखो।
Labo se tut gaye guftagu ke sab rishte
wo dekhta hei to bas dekhta hi rahta hei..
हर बार जब भी नया साल आता हैं
हम दुआ करते हैं कि आपको
इस साल भी वह सब मिले
जो आपका दिल चाहता हैं।
नया साल आपको मुबारक हो!
ऐ बेदर्द… सब आ जातें हैं यूँ ही मेरी ‘ख़ैरियत’ पूछने…अगर तुम भी पूछ लो तो यह ‘नौबत’ ही न आए.