अगर कोई अपना हो तो आईने जैसा हो
जो हंसे भी साथ और रोए भी साथ
हर रात को तुम इतना
याद आते हो के हम भूल गए हैं,
के ये रातें ख्वाबों के लिए होती हैं,
या तुम्हारी यादों के लिए
अब ये हसरत है कि सीने से लगाकर तुझको
इस क़दर रोऊँ की आंसू आ जाये
नहीं चाहिए वो सब जो मेरी किस्मत में नहीं,
भीख मांग कर जीना मेरी फितरत में नहीं ।
दूर हो जाने की तलब है तो शौक से जा…
बस याद रहे की मुड़ कर देखने की आदत इधर भी नही…