अगर कोई अपना हो तो आईने जैसा होजो हंसे भी साथ और रोए भी साथ
अगर कोई अपना हो तो आईने जैसा हो
जो हंसे भी साथ और रोए भी साथ
क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर..
हाल हमारा वही है, जो तुमने बना रखा है..
Dafan Karna Mujhe Apni Ankhon Me….
Ye Meri Aakhri Wasiyat Hai..!!
तकदीर के हाथों खुद को में जोड़ना नहीं चाहता,
मेरे दो हाथो का होसला में तोडना नहीं चाहता,
मौसम की तरह बदल जाती ये हाथो की लकीरें,
बंद मुट्ठी मेरी हरगिज़ मैं खोलना नहीं चाहता।
मौसम था बेकरार तुम्हें सोचते रहे,कल रात बार बार तुम्हें सोचते रहेबारिश हुई तो लग कर घर के दरवाजे से हमचुप चाप बेकरार तुम्हें सोचते रहे...