इश्क़ करने से पहले, आ बैठ फैसला कर लें सुकूँ किसके हिस्से होगा, बेक़रारी किसके हिस्से
इश्क़ करने से पहले, आ बैठ फैसला कर लें
सुकूँ किसके हिस्से होगा, बेक़रारी किसके हिस्से
“आँखों से दूर दिल के करीब था,
में उस का वो मेरा नसीब था.
न कभी मिला न जुदा हुआ,
रिश्ता हम दोनों का कितना अजीब था.”
चाहत बन गये हो तुम या आदत बन गयेहो तुम हर सांस में यू आते जाते हो जैसेमेरी इबादत बन गये हो तुम।
चाहत बन गये हो तुम या आदत बन गये
हो तुम हर सांस में यू आते जाते हो जैसे
मेरी इबादत बन गये हो तुम।
ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं
तुम ने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा
काश तकदीर भी होती किसी जुल्फ की तरह…
जब जब बिखरती संवार लेते…