थोड़ा काजल लगा लिया एक बिंदी लगा लिया…
खुद तो सज गए हुजूर पर हमें तबाह कर दिया..
Aa Bichadne Ka Koi Aur Tareeqa DhoodhenPyyar Badhta Hai Meri Jaaan Khafa Rahne Se
तबाह होकर भी तबाही दिखती नही,ये इश्क़ है इसकी दवा कहीं बिकती नहीं।
एक फूल अजीब था,
कभी हमारे भी बहुत करीब था,
जब हम चाहने लगे उसे,
तो पता चला वो किसी दूसरे का नसीब था ।
उन घरो में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैं,
कद में छोटे हो, मगर लोग बड़े रहते हैं.