इकरार बदलते रहते है… इंकार बदलते रहते हैं,
कुछ लोग यहाँ पर ऐसे है जो यार बदलते रहते हैं।
तुम शराफ़त को बाज़ार में क्यूँ ले आए हो…
दोस्त
ये सिक्का तो बरसों से नहीं चलता…!!
खन खना खन है ख्यालों मेंजरुर आज उसने कंगन पहने होंगे
Ye mout bi badi ajeeb chiz hei yaro…
Sala Ek Din Marne ke liye Puri Zindgi Jini padTi hey…