ङरे क्यूं मेरा कातिलक्या रहेगा उसकी गर्दन पर वो खून,जो चश्म-ए-तर से उर्म भर यूॅ दम-ब-दम निकले
ङरे क्यूं मेरा कातिल
क्या रहेगा उसकी गर्दन पर वो खून,
जो चश्म-ए-तर से उर्म भर यूॅ दम-ब-दम निकले
Har aankh yahan yun to bahut roti he,
har boond magar ashk nahi hoti he,
par dekh k ro de jo zamaane ka gam,
us aankh se aansu jo gire moti he…
चंदन की लकड़ी फूलों का हार,अगस्त का महीना सावन की फुहार,भैया की कलाई बहन का प्यार,मुबारक हो आपको रक्षा-बंधनका त्यौहार।
Tu saath hokar bhi saath nahi hoti
Ab toh rahat mein bhi rahat nahi hoti…
तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है,दिल-ओ-नजर को रुला-रुला के देखा है,तू नहीं तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम,मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है।