ये कैसा सरूर है तेरे इश्क का मेरे मेहरबाँ,
सँवर कर भी रहते हैं बिखरे बिखरे से हम!
चिराग कोई जलाओ की हो वजूद का एहसास,
इन अँधेरों में मेरा साया भी छोड़ गया मुझको !!!
खामोश चेहरे पर हजार पहरे होते है,हंसती आंखों में भी जख्म गहरे होते है,जिनसे अक्सर रूठ जाते है हम,असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते है!
ज़िन्दगी में बार बार सहारा नहीं मिलता,
बार-बार कोई प्यार से प्यारा नहीं मिलता,
हे जो पास उसे संभाल के रखना,
खो कर वो कभी दुबारा नहीं मिलत