हमें ख़बर है मोहब्बत के सब ठिकानों की….
शरीक-ए-जुर्म ना होते तो शायद मुखबरी करते!
Main Jo Chahu To Tod Du Naata Tumse
Par Mein Buzdil Hu
Maut Se Darr Lagta Hai …
Palkon Ki Hadd Ko Tod Kar Daaman Pe Aa Giraa,
Ek Ashq Mere Sabar Ki Toheen Kar Gayaa.
Magar
rani sirf badsah ki hi hoti haii..
तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो,
दिल मेरा था और धड़क रहा था वो,प्यार का तालुक भी अजीब होता है,आंसू मेरे थे सिसक रहा था वो..