अब देखिये तो किस की जान जाती है,
मैंने उसकी और उसने मेरी कसम खायी है।
आपके होठो पर सदा खिलता गुलाब रहे,खुदा ना करे आप कभी उदास रहे,हम आपके पास चाहे रहे ना रहे,आप जिन्हें चाहे वोह सदा आपके पास रहे.
मैंने ज़माने के एक बीते दोर को देखा है
दिल के सुकून को और गलियों के शोर को देखा है
मैं जानता हूँ की कैसे बदल जाते हैं इन्सान अक्सर
मैंने कई बार अपने अंदर किसी ओर को देखा है।
शायर तो हम
“दिल” से है….
कमबख्त “दिमाग” ने
व्यापारी बना दिया.
बडी लम्बी खामोशी से गुजरा हूँ मै,किसी से कुछ कहने की कोशिश मे।