“तुम्हारी सेल्फ रेस्पेक्ट ही तुम्हारी प्राथमिकता होनी चाहिए… फीलिंग्स और लोग तो आते जाते रहते है…!!”
“तुम्हारी सेल्फ रेस्पेक्ट ही तुम्हारी प्राथमिकता होनी चाहिए…
फीलिंग्स और लोग तो आते जाते रहते है…!!”
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए|
भय से तब तक ही डरना चाहिये जब तक भय (पास) न आया हो। आये हुए भय को देखकर बिना शंका के उस पर् प्रहार् करना चाहिये।
अच्छाई और बुराई दोनों हमारे अंदर हैं
जिसका अधिक प्रयोग करोगे वो उभरती व निखरती जायगी
दूसरों के काम बिगाड़ने
वाले लोग एक ढूढ़ने पर
हजारों मिल जाते हैं,
लेकिन दूसरों के काम
बनाने वाला हजारों में
कोई एक होता है. दूसरों
के काम बनाने वाले बनिए
और अगर किसी की मदद
नहीं कर सकते हैं तो, उसकी
राह में रोड़े अटकाने वाले
मत बनिए