“वफादारी की बात सांप किआ नहीं करते वफादारी की बात सांप किआ नहीं करते,
क्या कहा आपने, “मोहब्बत”अरे भाई,
हम ऐसे पाप किया नहीं करते…”
Ishq Ke Khayaal Buhut Hein;
Ishq Ke Charche Buhut Hein;
Sochte Hein Hum Bhi Kar Lein Ishq;
Par Sunte Hein Ishq Mein Kharche Buhut Hein!
मौसम ने ली अंगड़ाई
और निकाल ली आपने रजाई
आइसक्रीम से हुई लड़ाई
और मूंगफली है घर में आई
कोल्डड्रिंक से मुँह मोड़ लिया
चाय से नाता जोड़ लिया
जरा सी ठण्ड क्या पड़ी
आप ने तो नहाना ही छोड़ दिया.....
मोहब्बत के भी कुछ अंदाज़ होते हैं,
जगती आँखों के भी कुछ ख्वाब होते हैं,
जरुरी नहीं के ग़म में आँसू ही निकले,
मुस्कुराती आँखों में भी शैलाब होते हैं।
टूटे हुए दिलो की जरुरत बहुत हैंवरना महफ़िल में रंग जमायेगा कौनजब टूटेगा ही नहीं दिल किसी कातो मयखाने में पीने आएगा कौन.