आस और काश में ही लोग दूसरों के लिए काम कर के गुजार देते है
अहंकार” और “संस्कार” में फ़र्क़ है…
“अहंकार” दूसरों को झुकाकर कर खुश होता है,
“संस्कार” स्वयं झुककर खुश होता है..!
जिंदगी की परीक्षा
कितनी वफादार है,
🌱🌷🌱🌷
उसका पेपर कभी
लीक नहीं होता....!!✍✍✍
क्या खूब लिखा हैं किसी ने संगत का जरा ध्यान रखना साहब🌱🌷🌱🌷
संगत आपकी ख़राब होगी और बदनाम माँ बाप और संस्कार होंगे . ... ......
|| सुप्रभात ||
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अगर आप नेक इंसान हो और लोग आपको बुरा कहे तो चलेगा,
क्यूँकि यह इससे कही अच्छा है कि तुम बुरे हो और लोग तुम्हें अच्छा कहे.
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए|