गम के अंधेरे में दिल को बेकरार कर,
सुबह जरूर होगी थोड़ा तो इंतजार कर॥
Aa Bichadne Ka Koi Aur Tareeqa DhoodhenPyyar Badhta Hai Meri Jaaan Khafa Rahne Se
ये कैसा सरूर है तेरे इश्क का मेरे मेहरबाँ,
सँवर कर भी रहते हैं बिखरे बिखरे से हम!
मौसम था बेकरार तुम्हें सोचते रहे,कल रात बार बार तुम्हें सोचते रहेबारिश हुई तो लग कर घर के दरवाजे से हमचुप चाप बेकरार तुम्हें सोचते रहे...
Naa Jane Q..!Magar is Jhoothi Dunya K Jhootay Log,
Wafain Kar Nhi Saktay Waday Hazaar Kartay Hain…