“योग के आठ अंग हैं –
यम, नियम, आसन, प्राणायम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि।”
छोटी-छोटी बातें दिल में रखने से,
बड़े-बड़े रिश्ते कमज़ोर हो जाते हैं,
बड़ी सोच बड़ा दिल, ज़िन्दगी की हर सुबह खुशहाल बनाते हैं।
ज़रूरी नहीं की हर समय, लबों में भगवन का नाम आये,
वो लमहा भी भक्ति का होता है, जब इंसान इंसान के काम आये।
सभी जीवों में केवल इंसान ही पैसा कमाता है
और कितनी अजीब बात है कि
कोई जीव कभी भूखा नहीं मरता और
इंसान का कभी पेट नहीं भरता
सफलता ना मिले तो घबराना नही,
रुक कर सोचना तो पाओगे की ,
कुछ कदम चलना अभी शेष है।