रूठ जाने के बादगलती चाहे जिसकी भी हो,बात शुरू वही करता है जिसको,आपसे बेपनाह मोहब्बत है
रूठ जाने के बाद
गलती चाहे जिसकी भी हो,
बात शुरू वही करता है जिसको,
आपसे बेपनाह मोहब्बत है
तूने रुख से नक़ाब क्या उठाया,
कम्बखत दिल मुँह को होने लगा,
शर्मा कर , सितारे हैं छुपने लगे,
महताब बादलों से जो निकलने लगा
लोगों ने पूछा कि कौन है वोह
जो तेरी ये उदास हालत कर गया ??
मैंने मुस्कुरा के कहा उसका नाम
हर किसी के लबों पर अच्छा नहीं लगता …!
ना तलवार की धार से ना गोलियों की बौछार से, बंदा डरता है तो सिर्फ अपने बाप की मार से।
कागज़ पे लिखी गज़ल, बकरी चबा गयी !
चर्चा पुरे शहर में हुई, की बकरी शेर खा गयी.