कायर व्यक्ति अपने मृत्यु से पहले कई बार मरता हैं औरशूरवीर मृत्यु का स्वाद केवल एक बार ही चखते हैं.
कायर व्यक्ति अपने मृत्यु से पहले कई बार मरता हैं और
शूरवीर मृत्यु का स्वाद केवल एक बार ही चखते हैं.
धागा एक बार टूट जाये तो फिर से जोड़ने पर भी गाँठ पड़ ही जाती है
उसी तरह रिश्ते एक बार टूट जाये तो फिर से जोड़ने में एक गाँठ बन ही जाती है
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए|
Har Safalta Par aapka Naam Ho,Aapke Har Decision Par Kaamyabhi Ka Mukam Ho,Thand Aa Gayi Hai Dhyan Rakhna,Main nahi Chahta aapko sardi aur jukaam Ho.
गुस्सा करना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा ही है –
क्यूंकि आप जिसपे गुस्सा करते हैं उससे ज्यादा आपका खुद का नुकसान हो जाता है