अपने आप को मारने के झंझट में न पड़ेंक्योंकि आदमी जब तक अपने आप को मारता हैतब तक बहुत देर हो चुकी होती है
अपने आप को मारने के झंझट में न पड़ें
क्योंकि आदमी जब तक अपने आप को मारता है
तब तक बहुत देर हो चुकी होती है
न हो तो रोती हैं जिदे, ख्वाहिशों का ढेर होता हैं,
पिता हैं तो हमेशा बच्चो का दिल शेर होता हैं.
स्वास्थ ही असली सोना हैं,जो स्वस्थ नहीं उसे जीवन भर रोना हैं.
स्वास्थ ही असली सोना हैं,
जो स्वस्थ नहीं उसे जीवन भर रोना हैं.
किस लोभ से “किसान” आज भी, लेते नही विश्राम हैं,
घनघोर वर्षा में भी करते निरंतर काम हैं
शिक्षा के प्रति प्रत्येक किसान को जागरूक होना चाहिए तभी उनका जीवन बेहतर हो सकता हैं.
जब भक्ति भोजन में मिलती है, तो प्रसाद बन जाता है,
जब पानी में मिलती है, तो चरणामृत बन जाता है,
जब घर में मिलती है, तो मंदिर बन जाता है,
जब व्यक्ति में मिल जाता, तो वह भक्त बन जाता है।