रिश्ते ऐसे बनाओ कि जिसमें शब्द कमऔर समझ ज्यादा हो, झगड़े कमऔर नजरिया ज्यादा हो।
रिश्ते ऐसे बनाओ कि जिसमें शब्द कम
और समझ ज्यादा हो, झगड़े कम
और नजरिया ज्यादा हो।
आज भी मेरी फरमाइशें कम नही होती,
तंगी के आलम में भी, पापा की आँखें कभी नम नहीं होती.
सपने तो मेरे थे पर उनको पूरा करने का रास्ता
कोई और दिखाए जा रहा था और वो थे मेरे पापा….
मदद करना सीखिये
फायदे के बगैर
मिलना जुलना सीखिये
मतलब के बगैर
जिन्दगी जीना सीखिये
दिखावे के बगैर
और
मुस्कुराना सीखिये
सेल्फी के बगैर!
चाहत तुम्हारी - रविवार की तरहहकीकत जिंदगी - सोमवार की तरह...!!